अधिवक्ता जुगराज चौहान की 18 फरवरी को जोधपुर के भदवासिया इलाके में दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। परिवार समाज और वकीलों की मांगों पर मंगलवार को चौथे दिन भी सहमति नहीं बन पाई। इसको लेकर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को दूसरे दिन भी वकीलों ने स्वैच्छिक न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। सेशन न्यायालय परिसर से अधिवक्ता जुलूस के रूप में सोजती गेट चौराहे पर पहुंचे। जहां रास्ता जाम कर वकीलों ने प्रदर्शन किया। साथ ही सोजती गेट से जुलूस के रूप में एमजीएच मोर्चरी पहुंचे। जहां वकीलों ने मोर्चरी में परिजनों के साथ धरना देकर प्रशासन से उनकी मांगों पर जल्द निर्णय करने की मांग की। वकीलों का कहना है कि जोधपुर में 18 फरवरी को अधिवक्ता जुगराज की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। परिवार के लोग पिछले 4 दिनों से शव के साथ एमजीएच मोर्चरी में धरने पर बैठे है। मुख्यमंत्री के जोधपुर प्रवास के दौरान वकीलों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मृतक परिवार को आर्थिक सहायता, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और अधिवक्ता प्रोटक्शन बिल लागू करने की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त भी किया, लेकिन उसके 2 दिन बाद भी अभी तक प्रशासन ने पीड़ित परिवार की सुध तक नहीं ली। ना ही उनकी मांगों पर कोई आगे कार्रवाई की। जिससे अधिवक्ता समुदाय में गहरा रोष है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो जोधपुर बंद करवाएंगे और इससे भी अगर उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं होता है तो वकील समुदाय पूरे प्रदेश में मांगों को लेकर आंदोलन करेगा । जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।