राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए मृतक के भाई को नौकरी देने का आदेश दिया है। पंचायती राज विभाग में कार्यरत पिता के निधन होने के बाद बड़े बेटे को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई, लेकिन डेढ़ साल में उसका भी निधन हो गया। ऐसे में छोटे भाई ने अनुकंपा नियुक्ति देने का आग्रह किया, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया था। ——
प्रतापगढ़ निवासी देवीलाल पंचायती राज विभाग में हैंड पंप मैकेनिक के पद पर कार्यरत था। उसका 3 अगस्त 2018 को निधन हो गया। उसके परिवार में पत्नी, दो बेटे व एक बेटी है। ऐसे में बड़े बेटे लोकेश ने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति देने का आवेदन किया। विभाग ने 6 मार्च 2019 को लोकेश को जूनियर कलर्क के पद पर नियुक्ति प्रदान कर दी। इसके डेढ़ साल बाद 28 सितम्बर 2020 को लोकेश का निधन हो गया। इससे परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया। लोकेश की मां ने अपने छोटे बेटे कमलेश मेघवाल को लोकेश के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति देने का आवेदन किया। पंचायती राज विभाग ने यह कहते हुए 6 जनवरी 2021 को आवेदन खारिज कर दिया कि भाई को अनुकंपा नियुक्ति देने का कोई प्रावधान नहीं है। कमलेश ने पंचायती राज विभाग के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी। न्यायाधीश अरुण भंसाली की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। कमलेश की तरफ से अधिवक्ता संपत प्रजापत, राजेश प्रजापत व सायना बानो ने दलील दी कि यह थोड़ा अलग मामला है। इसे मानवीय आधार पर देखा जाना चाहिये। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ऐसे कुछ मामलों ने अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने का आदेश जारी कर चुका है। वहीं सरकारी वकील की तरफ से कहा गया कि कमलेश अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं है। सिर्फ लोकेश पर निर्भर परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जा सकती है। भाई को नौकरी देने का प्रावधान नहीं है। न्यायाधीश अरुण भंसाली ने अपने फैसले में कहा कि नियमानुसार कमलेश को लोकेश के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा सकती है, लेकिन यह अलग मामला है। सुप्रीम कोर्ट भी ऐसे कुछ मामलों में अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दे चुका है। ऐसे में पंचायती राज विभाग की तरफ से कमलेश को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के आवेदन को रिजेक्ट करने के आदेश को खारिज किया जाता है। उन्होंने कमलेश की तरफ से अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवश्यक अन्य सभी योग्यताएं पूर्ण करने पर दो माह के भीतर उसे अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया।