उम्मेद अस्पताल में भारतीय शिशु अकादमी एवं नेशनल नवजात फॅार्म के सहयोग से एक दिवसीय ‘नवजात शिशु पुर्नजीवन‘ कार्यशाला आयोजित की गई। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा0 मनीष पारख ने बताया कि कार्यशाला में हर प्रसव के दौरान कम से कम एक नवजात पुनजीर्वन प्रक्रिया में दक्ष स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे। कार्यशाला में स्त्री रोग व बाल रोग विशेषज्ञ तथा नर्सिंग कर्मचारियों को फर्स्ट गोल्डन मिनट प्रोजेक्ट के तहत गहन प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में कोर्स कार्डिनेटर बाल रोग विशेषज्ञ डा0 प्रवीण चौपड़ा ने बताया कि ये प्रक्रिया अत्यंत सरल है तथा जन्म के तुरन्त बाद सही समय पर दी गई श्वास सहायता से लगभग 40 प्रतिशत तक बच्चों को मौत और अपंगता से बचाया जा सकता है।