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Sunday, June 4, 2023

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एमजीएच में केंसर रोग के नियमित ऑपरेशन

जोधपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक महात्मा गाँधी अस्पताल के सर्जरी विभाग में अब लिवर, पेंक्रियाज ओर आंतो के केन्सर के ऑपरेशन अब नियमित रूप से हो रहे हे। पहले मरीज़ों को इसके लिये अहमदाबाद या दिल्ली जाना पड़ता था, पर अब ऐसी जटिल सर्जरी की सुविधा यहाँ भी उपलब्ध है। सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष एवम् वरिष्ठ आचार्य डॉक्टर एस.एस. राठौड़ ने बताया की 45 वर्षीय महिला को बार बार बेहोशी के दोरे पड़ते थे उसने एमडीएम अस्पताल के मेडिसिन विभाग में वरिष्ट आचार्य डॉक्टर इंदू थानवी को दिखाया तो जाँच में बेहोशी का कारण रक्त में शुगर की मात्राअत्यंत कम होना पाया गया। जाँच में जब सी.टी. स्केन करवाया गया तो पेंक्रियाज में केन्सर की गाँठ पाई गई तब डॉक्टर ने मरीज़ को इंसुलिनोमा के ऑपरेशन के लिये गेस्टरो सर्जन डॉक्टर दिनेश चौधरी के पास महात्मा गांधी अस्पताल भेजा। डॉक्टर एस.एस. राठौड़ ने आगे बताया कि इंसुलिनोमा इंसुलिन स्त्राविट करने वाली बीटा कोशिकाओं का केन्सर है जिसमें इंसुलिन अनियंत्रित रूप से स्रावित होता है। महात्मा गांधी अस्पताल में एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉक्टर रोनक गांधी ने भी हार्मोन की जाँचे करवाई ओर शुगर कम होने का कारण इंसुलिनोमा केन्सर बताया गया। गेस्ट्रोसर्जन डॉक्टर दिनेश चौधरी ने बताया कि इंसुलिन हार्मोन रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित करता हे ओर इंसुलिनोमा नामक केन्सर एक प्रकार का न्यूरोएंड़ोक्राइन ट्यूमर हे जिसमें रक्त में इंसुलिन की मात्रा अनियंत्रित रूप से बड़ जाती हे जिससे रक्त में शुगर की मात्रा अत्यधिक कम हो जाती हे जिसे हायपोग्लाईसेमिक दोरे कहा जाता हे जिससे मरीज़ को बेहोशी के दोरे पड़ते हे एवं अत्यधिक शुगर कम होने से मरीज़ की मृत्यु भी हो सकती हे। इंसुलिनोमा केन्सर बहुत कम लोगों में पाया जाता हे ओर मेलीगनेंट इंसुलिनोमा १ करोड़ आबादी में केवल एक इंसान को होता हे। डॉक्टर दिनेश ने आगे बताया की इस मरीज़ में इंसुलिनोमा लिम्बग्रंथियों में भी फेल गया था एवं रक्त की नालियों-सूपीरीअर मेसेंटेरिक वेन ओर सिलियक ट्रंक के सटा हुआ था। इस वजह से ऑपरेशन अत्यंत जटिल एवम् चुनोतीपूर्ण था। एसी स्तथि में रैडिकल एंटिग्रेड मोडयूलर पेंक्रियाटो सप्लिनेकटोमी नामक ऑपरेशन किया गया और सूक्ष्म विच्छेदन करते हुए तिल्ली की खून की नालियों को उसके प्रारंभ से हे बांधकर काटा गया उसके बाद संपूर्ण इंसुलिनोमा, लिंबग्रंथीयो और तिल्ली को एक साथ निकला गया।

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