जोधपुर। राजस्थानी भाषा के कालजयी कवि रेवतदान चारण की जन्म शताब्दी पर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग एवं साहित्य अकादमी नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राजस्थानी राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन केन्द्रीय परिसर स्थित बृहस्पति सभागार में चार नवम्बर से किया जाएगा।
राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित ने बताया कि दो दिवसीय राजस्थानी राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन समारोह कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) केएल श्रीवास्तव के मुख्य आतिथ्य एवं साहित्य अकादमी में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक एवं ख्यातनाम कवि आलोचक प्रोफेसर (डॉ.) अर्जुनदेव चारण की अध्यक्षता में होगा। इस अवसर पर प्रख्यात कवि-कथाकार मधु आचार्य आशावादी विशिष्ठ अतिथि एवं साहित्य अकादमी सचिव के. श्रीनिवासराव स्वागताध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन सत्र में प्रख्यात राजस्थानी रचनाकार डॉ. सोहनदान चारण द्वारा सम्पादित रेवतदान चारण री टाळवीं कवितावां का लोकार्पण होगा।
डॉ. राजपुरोहित ने बताया कि उद्घाटन एवं समापन समारोह के अलावा चार साहित्यिक सत्र होंगे जिसमें ख्यातनाम राजस्थानी रचनाकार भंवरसिंह सामौर, नंद भारद्वाज, डॉ. मंगत बादल एवं डॉ. मदन सैनी अध्यक्षता करेंगे। इस दो दिवसीय संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित, डॉ. धनंजया अमरावत, डॉ. इन्द्रदान चारण, डॉ. राजेन्द्र बारहठ, हरीश बी. शर्मा, डॉ. गीता सामौर, डॉ. गिरधरदान रतनू, डॉ. आशाराम भार्गव, डॉ. रामरतन लटियाल, कृष्ण कुमार आशु, डॉ मदन गोपाल लढ्ढा एवं डॉ. गौतम अरोडा कवि रेवतदान चारण की काव्य साधना पर आलोचनात्मक शोध आलेख प्रस्तुत करेंगे। राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह ख्यातनाम रचनाकार प्रोफेसर (डॉ.) कल्याणसिंह शेखावत एवं प्रोफेसर (डॉ.) सोहनदान चारण की अध्यक्षता में पांच नवम्बर को दोपहर तीन बजे होगा।