केन्द्रीय प्रशासनिक अभिकरण के कर्मचारियों ने शुक्रवार को एक बार फिर अनूठा उदाहरण पेश करते हुए एक जरूरतमंद परिवार की पुत्री का विवाह सम्पन्न कराया। दुल्हन राधा की मां शंकुतला केन्द्रीय प्रशासनिक अभिकरण कार्यालय के बाहर चाय का ठेला लगाती है। दरअसल राधा के पिता रामचंद्र की कई वर्ष पहले दर्दनाक मौत हो गई थी। ऐेसे में बच्चों के पालन पोषण के साथ उनके विवाह की चिंता मां को सता रही थी। इस पर केन्द्रीय प्रशासनिक अभिकरण के कर्मचारियों ने अनूठी मिसाल पेश करते हुए राधा का विवाह विधि विधान से सम्पन्न कराया। राधा दिलीप कुमार से फेरे लेकर परिणय सूत्र में बंधी। राधा की मां शंकुतला को विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी पुत्री का विवाह इतनी धूमधाम से होगा। इस विवाह में अहम भूमिका नारायणदान भीमु, महिपालसिंह और जेठूसिंह ने निभाई।