जोधपुर संभाग के सबसे बड़े एमडीएम अस्पताल के नवनिर्मित उत्कर्ष कार्डियोथोरेसिक विभाग में छोटे चीरे से मरीज की सफल बाईपास सर्जरी की गई है। इस प्रक्रिया में छोटे चीरे से हृदय की बंद एवं संकुचित हुई धमनियों को बाईपास कर खून का संचार वापस स्थापित किया जाता है।
डॉ सुभाष बलारा ने बताया कि प्रताप नगर, जोधपुर निवासी किशन सोलंकी पिछले 2 हफ्ते से छाती के दर्द से पीड़ित थे। इस बीमारी को लेकर वह मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग में भर्ती हुए। जहां उनका पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण, इको और एंजियोग्राफी कराने के बाद पता चला कि मरीज कोरोनरी आर्टरी डिजीज बीमारी से ग्रसित है। ऐसे में ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। पहले मिड कैब ऑपरेशन की प्रणाली के लिए मरीजों को अन्य राज्यों तथा मेट्रो शहरों में जाना पड़ता था और ये इलाज भी काफी महंगे हैं जो कि अमूमन आमजन के पहुंच से बाहर है परंतु अब ये सुविधा जोधपुर मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के तहत उपलब्ध है।
इस सर्जरी को छोटे चीरे से किया जाता है जिससे मरीज को ऑपरेशन के पश्चात दर्द कम होता, रिकवरी जल्दी होती है तथा ऑपरेशन का निशान भी छोटा होता है।