जोधपुर। मारवाड पीडियाट्रिक सोसायटी की ओर से जैसलमेर में डेजर्ट पेडिकोन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। यह नार्थ जोन की सबसे बड़ी और इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग की नेशनल लेवल कॉन्फ्रेंस थी जिसमें राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से कई नामचीन शिशु रोग विशेषज्ञ शामिल हुए।कॉन्फ्रेंस में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर, डॉ. डिंपल ने नियोनेटल पेपर प्रेजेंटेशन, डॉ. भंवर लाल परिहार ने जनरल पीडियाट्रिक्स पेपर प्रेजेंटेशन एव डॉ. रेनेसा खुराना ने इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग (आईवाईसीफ) पेपर प्रेजेंटेशन में गोल्ड मेडल जीता। नियोनेटल पेपर प्रेजेंटेशन में 10 जनों ने, जनरल पीडियाट्रिक्स पेपर प्रेजेंटेशन 12 जनों एवं आईवाईसीफ में 8 जनों ने हिस्सा लिया था। डॉ. डिम्पल के पेपर का शीर्षक नवजात अवधि के दौरान किए गए हिप्पोकैम्पल वॉल्यूम (एमआरआई मस्तिष्क द्वारा मापा गया) और जन्म पर देर से सांस लेने वाले नवजात शिशुओं में, 4-6 महीने की उम्र में न्यूरोडेवलपमेंटल परिणाम के बीच सहसंबंध, डॉ. भंवर लाल परिहार के पेपर का शीर्षक अटेंशन डेफिसिट एंड ह्य्पेराक्टिविटी डिसऑर्डर के साथ लैंग्वेज एंड कम्युनिकेशन डिसऑर्डर का सह-अस्तित्व और सहसंबंध एवं डॉ. रेनेसा खुराना के पेपर का शीषर्क ट्रांसपोर्ट वेरिएबल्स एंड मोर्बिडिटी एट एडमिशन इन आउटबोर्न नेओनेटस रेफेर्रेड टू टरसरी केयर सेण्टर इन वेस्टर्न राजस्थान था। उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने गाइड डॉ. मनीष पारख सर एवं समस्त शिक्षकगणों को दिया। उनको डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दिलीप कच्छवाहा, शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष पारख, बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर डॉ. जयराम रावतानी एवं समस्त चिकित्सकों द्वारा बधाइयां दी गई और उज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम में सभी विशेषज्ञ चिकित्सको ने विभिन्न बीमारियों के बारे में चर्चा की तथा उनके उपाय एवं रोकथाम के बारे में ज्ञान का आदान-प्रदान किया। इस डेजर्ट पेडिकोन कॉन्फ्रेंस में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर के शिशु रोग विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रमोद शर्मा, डॉ. अनुराग सिंह, डॉ. मनीष पारख, डॉ. राकेश जोरा, डॉ. मोहन मकवाना, डॉ. सुरेश वर्मा, सह आचार्य डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. हरीश मौर्य, डॉ. विकास कटेवा एव डॉ. विकास आर्य ने अपने शोध प्रस्तुत किए। इस मौके शिशु रोग विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. प्रमोद शर्मा को समानित किया। डॉ. प्रमोद शर्मा ने टीकाकरण, डॉ. अनुराग सिंह ने स्तनपान, डॉ. मनीष पारख ने बच्चों में मिर्गी के इलाज़, डॉ. राकेश जोरा ने गस्त्रोएसोफगेअल रिफ्लेक्स बीमारी के बारे में विस्तार में वर्णन किया। डॉ सुरेश वर्मा ने व्यापक स्तनपान प्रबंधन केंद्र के बारे में चर्चा की। डॉ. मोहन मकवाना ने नेफ्रोटिक सिंड्रोम के इलाज के बारे विस्तार में अवगत करवाया। डॉ. संदीप चौधरी ने जन्मजात हार्ट की विक्रतियो के बारे पैनल डिस्कशन किया। डॉ. विकास कटेवा ने एंडोक्राइन डिजीज एवं डॉ. विकास आर्य ने इसीजी के बारे में बताया।