उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल अस्पताल में डॉ नेहा तिवारी और उनकी टीम ने एक महिला रोगी के पेट के जटिल ऑपरेशन से दो किलो से भी ज्यादा वजनी गांठ निकाल कर उसे असह्य दर्द से लंबे समय बाद निजात दिलाने में सफलता हासिल की है। डीआरएम गीतिका पांडेय ने बताया कि मंडल अस्पताल में नव स्थापित मोड्यूलर ऑपरेटर थिएटर में अब जटिल से जटिल बीमारियों के ऑपरेशन होने से रेल कर्मचारियों और उनके आश्रितों को बड़ी सुविधा मिलने लगी है। इसके तहत जेतादेवी का सफल ऑपरेशन कर चिकित्सक ने अपने कार्य का श्रेष्ठ निष्पादन किया है। रेलवे अस्पताल जोधपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए वासुदेवन ने बताया कि आसारानाडा स्टेशन पर पॉइंट्समैन जगदीश राम की पत्नी जेता देवी लंबे समय से पेट दर्द और अन्य गायनिक बीमारी से परेशान थीं जिसने आसारानाडा में चिकित्सक से परामर्श लिया फिर भी राहत नहीं मिलने पर वो मंडल रेलवे अस्पताल पहुंची जहां सर्जन डॉ नेहा तिवारी ने जेतादेवी की सोनोग्राफी करने पर पाया कि उसके पेट में में दो किलो दस ग्राम वजनी गांठ है, तत्पश्चात उसे उपचार के लिए भर्ती कर एमआरआई जांच कराने पर उसके पेट में 15 बाई 15 सीएम की गांठ का होना पाया गया। यह गांठ अपेंडिक्स से हुई। इस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नेतृत्व में टीम गठित कर जेता देवी के पेट के जटिल ऑपरेशन से गांठ बाहर निकाल कर उसे असहनीय दर्द से छुटकारा दिला राहत पहुंचाई। अब वह स्वस्थ है। टीम में डॉ नेहा तिवारी, एनेस्थेटिक डॉ प्रद्युम्न साहू, ओटी स्टाफ संध्या, ऋषि, सुरेंद्र चंद्रप्रकाश थे।