दहेज प्रताडऩा की शिकार बनी मीनाक्षी ने 18 दिन जिन्दगी और मौत से संघर्ष के बाद बुधवार को एमडीएम अस्पताल की आईसीयू में दम तोड़ दिया था। पति की गिरफ्तारी के बाद सास-ससुर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गुरूवार को दूसरे दिन भी परिजनों ने मृतका के शव का ना तो पोस्टमार्टम कराया और ना ही शव उठाया गया। बताया जा रहा है कि मीनाक्षी की उपचार के बाद मौत हो जाने पर उसके ससुराल के लोग घर पर ताला लगा कर फरार हो गये। जबकि मीनाक्षी के परिजन सास-ससुर की गिरफ्तारी की मांग पर अडे हुए हैं। महिला थाने में गत माह 23 नवंबर को दर्ज करायी रिपोर्ट में पावटा सी रोड़ लक्ष्मीनगर निवासी हरीशचन्द्र सांखी पुत्र लालचंद सांखी ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पुत्री मिनाक्षी का विवाह मूलतया जाजीवाल खिचियान हाल पीपाड़ सिटी निवासी भीखमचंद जाजड़ा के पुत्र हरीश जाजड़ा के साथ 11 दिसंबर 2009 को धुमधाम से किया था। इसके बाद उसकी पुत्री को दहेज के लिये लगातार परेशान किया जाता रहा। बरद में इन लोगां ने उसे जहर खिला दिया। तबीयत खराब होने पर पहले उसे जोधपुर के श्रीराम अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद उसे वापस पीपाड़ ले जाया गया। बाद में उसे उपचार के लिये एमडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 18 दिन के बाद बुधवार को उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। अब मृतका के पीहर पक्ष के लोग सास ससुर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं।