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अधिवक्ता जुगराज चौहान की हत्या के सातवें दिन शुक्रवार को आखिरकार परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसका अंतिम संस्कार करने पर सहमति दी। इस पर प्रशासन ने राहत की सांस ली। अधिवक्ता जुगराज चौहान की आपसी विवाद के चलते दिन दहाड़े दो आरोपियों ने चाकू से गोदकर और सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद आर्थिक पैकेज और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर अधिवक्ता लगातार आंदोलन कर रहे थे। गतिरोध 7 दिनों से चल रहा था और शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ था। शुक्रवार को आखिरकार परिजनों और समाज के लोगों ने अधिवक्ताओं से बात की और बताया कि शव को मोर्चरी में 7 दिन हो चुके हैं और शव का अंतिम संस्कार करना आवश्यक है। इस पर अधिवक्ताओं ने अपनी सहमति दी और परिजनों ने जिला प्रशासन को शव का पोस्टमार्टम करवाने की स्वीकृति दे दी। अधिवक्ताओं का कहना है कि उनका आंदोलन एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर आगे भी जारी रहेगा।