37.6 C
Jodhpur
Saturday, June 10, 2023

spot_img

बिलखते रहे मृतका के परिजन

तेरह साल पहले घर से बेटी की डोली को हंसी खुशी विदा करने वाले मां बाप तीसरे दिन भी अपने परिजनों के साथ एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी के बाहर बेटी की हत्या के आरोपी सास ससुर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बिलखते रहे लेकिन पुलिस सिर्फ आश्वासन देकर समझाईश के प्रयास में जुटी हुई है। मृतका मिनाक्षी की माँ, बुजुर्ग दादी और नानी ने तीन दिन से खाना पीना छोड़ रखा है। जिसके चलते उनकी तबीयत बिगड़ी हुई है। दहेज प्रताड़ना की शिकार बनी मिनाक्षी ने 18 दिन जिन्दगी और मौत से संघर्ष के बाद आखिर 7 दिसम्बर को एमडीएम अस्पताल की आईसीयू में दम तोड़ दिया था। मृतका के पिता की रिपोर्ट पर ग्रामीण जिले की महिला थाना पुलिस ने दहेज प्रताडऩा और हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच और तलाश शुरू कर दी है। इस मामले में परिजन मिनाक्षी की मौत के बाद घर पर ताला लगा कर फरार हुए सास-ससुर की गिरफ्तारी की मांग पर अडे हुए हैं। महिला थाना ग्रामीण थानाधिकारी लीला ने बताया कि महिला थाने में गत माह 23 नवंबर को दर्ज करायी रिपोर्ट में पावटा सी रोड़ लक्ष्मीनगर निवासी हरीशचन्द्र सांखी पुत्र लालचंद सांखी ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पुत्री मिनाक्षी का विवाह मूलतया जाजीवाल खिचियान हाल पीपाड़ सिटी निवासी भीखमचंद जाजड़ा के पुत्र हरीश जाजड़ा के साथ 11 दिसंबर 2009 को धुमधाम से किया और अपनी हैसियत से बढक़र दहेज में नकदी, जेवरात, घरेसू सामान और सीखे दी। 12 वर्ष के वेवाहिक जीवन के दौरान उसकी पुत्री के एक पुत्री झलक और पुत्र जागृत भी पैदा हुए। उस वक्त भी उसने अपनी हैसियत अनुसार सीखे और नकदी दी। पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि शादी के कुछ समय बाद ही उसकी पुत्री मिनाक्षी को पति हरीश, सास संतोष और ससुर भीखाराम परेशान करने लगे और उसको पीहर पक्ष से दहेज कम लाने का ताना मारते रहे। इस दौरान कई बार मिनाक्षी के साथ शारीरिक और मानसिक अत्याचार किये और मारपीट भी की। दोनो ही परिवारो में रिश्तेदारी ज्यादा होने के कारण समझाईश के दौर चले लेकिन ससुराल वाले नहीं सुधरे और उन्होने आखिर 19 नवंबर की रात्रि को मिनाक्षी को जान से मारने की नियत से जहर पिला दिया। पुलिस को दी जानकारी में मृतका के पिता ने बताया कि जहर पिलाने के बाद उन्होंने बचाने का नाटक भी किया और पहले पीपाड़ अस्पताल और वहां से एमडीएम अस्पताल के लिये रेफर करने पर भी बनाड़ रोड़ पर स्थित श्रीराम अस्पताल लेकर पहुंचे और वहां तबीयत बिगडऩे पर श्रीराम अस्पताल के डाक्टरों के भी एमडीएम अस्पताल के लिये रैफर करने पर वहां नहीं ले जाकर घर पर लेकर गये और जहर खिलाने के बाद भी उसको खाने पीने के पदार्थ दिये। इसी दौरान 20 नवंबर की सुबह पीहर पक्ष को सूचना मिली तो वे अपने रिश्तेदारों के साथ मिनाक्षी के ससुराल पहुंचे और किसी प्रकार मिनाक्षी को वहां से लेकर एमडीएम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया जहां पर 18 दिन तक जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद उसने 7 दिसम्बर को दम तोड़ दिया था।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

148,267FansLike
3,062FollowersFollow
202FollowersFollow
- Advertisement -

Latest Articles