मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनसेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बताते हुए कहा कि मेरा नाम अशोक है, ऐसे में मेरे प्रदेश में शोक नहीं रह सकता। हर तरफ जनकल्याण के स्वप्न ही साकार हो रहे हैं। रविवार को जोधपुर में फिनटेक यूनिवर्सिटी की सौगात देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं में आईटी के इस्तेमाल से लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आए हैं। —– जोधपुर के राजकीय पॉलिटेक्निक महावि़द्यालय परिसर में राजस्थान डिजिफेस्ट एण्ड जॉब फेयर के समापन समारोह व राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 672.45 करोड़ रूपये की लागत से इंस्टीट्यूट तैयार होगा, जिसमें विद्यार्थियों और स्टार्टअप्स सहित युवाओं को विश्वस्तरीय मंच मिलेगा। उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका रही है। राज्य सरकार अपनी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए आईटी का इस्तेमाल कर रही है। —- गहलोत ने राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का विमोचन किया। इस नीति से प्रदेश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश क्षेत्र में भी विस्तार होगा। इसमें एससी-एसटी सहित हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। —- मुख्यमंत्री ने समारोह में प्रदेश के 12 स्टार्टअप्स को 1 करोड़ रूपये की फंडिंग भी वितरित की। उल्लेखनीय है कि आई-स्टार्ट के तहत अभी 3000 से अधिक स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं। इन्हें 30 करोड़ रूपये की राशि वितरित की गई, जिससे प्रदेश में 200 करोड़ रूपये तक का निवेश आया है। साथ ही 21 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।