बदलते युग में भी कुप्रथाएं पीछा नहीं छोड़ रही है। समाज से ठुकराए एक परिवार ने पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई और पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने का लेकर चिंता जताई। समाज से बेदखल होने के बाद दर-दर की ठोकरें खा रहा एक परिवार पुलिस कमिश्नर के पास पुलिस की शिकायत लेकर पहुंचा। पीडित परिवार ने आरोप लगाया कि वो पेट्रोल पंप पर काम करता था, वहां से उसे निकाल दिया गया। किराना दुकान पर कोई सामान नहीं देता, बेटे की शादी टूट गई। घर में कोई मौत हो जाए तो समाज का कोई कंधा देने भी नहीं आएगा। बेटी बस से स्कूल नहीं जा सकती, उसे उतार दिया जाता है। इतना प्रताडित हो गया हूं कि अब आत्महत्या का मन करता है। पीडित की बात सुनने के बाद अधिकारियों ने शीघ्र जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पीडित महलावास लूणी के पुखराज उर्फ पुरखाराम ने बताया कि एक साल पहले बेटी रेखा पर 7 सितंबर 2021 को सास को मारने का आरोप लगाया और केस दर्ज कराकर जेल भेज दिया। 20 दिन बाद 27 सितंबर को ही समाज ने उसे और उसके बड़े भाई भंवरलाल के परिवार को समाज से बेदखल कर दिया। परिवार के 11 सदस्य 14 महीने से प्रताडना झेल रहे है। पुखराज ने 7 अक्टूबर को ससुराल और समाज के 16 लोगों के खिलाफ बोरानाड़ा थाने में समाज से बेदखल करने का मामला दर्ज कराया है। पीड़ित परिवार पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ मिला और पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। वहीं थानाधिकारी किशनलाल का कहना है कि जांच की जा रही है।