सीबीआई मुंबई ने जोधपुर के एक हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर के खिलाफ देश से प्राचीन वस्तुओं को एक्सपोर्ट के नाम पर विदेश में तस्करी करने का मामला दर्ज किया है। इस एक्सपोर्टर ने विदेश में सामान भेजने के लिए गलत दस्तावेज पेश किए। इसमें एक्सपोर्ट करने के लिए प्रतिबंधित वस्तुओं को दर्शाया तक नहीं गया। रोके गए सामान में भगवान विष्णु की एक प्राचीन प्रतिमा भी शामिल है। सीबीआई का कहना है कि गत वर्ष एक कूरियर कंपनी ने जोधपुर के एक एक्सपोर्टर के तीन शिपमेंट एक्सपोर्ट करने के बिल पेश किए। यह सामान दिल्ली एयरपोर्ट से आस्ट्रेलिया, जर्मनी व थाइलैंड भेजा जा रहा था। कस्टम विभाग के अधिकारियों को इस सामान पर शक हुआ। सके बाद कस्टम विभाग ने आर्कोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की मदद ली और एक्सपोर्ट किए जाने वाले शिपमेंट की जांच कराई। ये एक्सपोर्टर वर्ष 2017 से लकड़ी और लोहे के हैंडीक्राफ्ट के सजावटी सामान के साथ दुर्लभ प्राचीन वस्तुएं भी विदेश भेजता था। नवम्बर 2021 में इसने करीब दस शिपमेंट विदेश भेजे। इनमें से तीन को कस्टम विभाग ने रोक दिया। कस्टम विभाग के अधिकारियों ने जोधपुर के इस एक्सपोर्टर के बयान भी दर्ज किए है। अपने बयान में एक्सपोर्टर का कहना है कि उसने किलो के भाव पर यह सामान जोधपुर के कबाड़ी बाजार से खरीदा। उसका दावा है कि ये ऐसा सामान है जिसे लोग पुराना होने पर अपने घरों से निकाल कर कबाड़ी को बेच देते है। उसका कहना है कि वह इन आइटम को बहुत प्राचीन और दुर्लभ दर्शा कर ऑन लान प्लेटफार्म पर सौदा करता। ऐसा दर्शाने पर उसे इन आइटम्स के बहुत ऊंचे दाम मिल जाते। उसका दावा है कि उसने सिर्फ घरों से रिजेक्ट हुए पुराने सामान को ही बेचा ना कि प्रतिबंधित श्रेणी के दुर्लभ प्राचीन वस्तुओं को। एएसआई का कहना है कि उसके तीन शिपमेंट में से दो बेहद दुर्लभ प्राचीन वस्तुएं मिली है। जिन्हें इस वर्ष अप्रैल में कस्टम विभाग ने जब्त किया था। फिलहास सीबीआई मामले की जांच में जुटी है। सीबीआई का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद एक्सपोर्टर के नाम का खुलासा किया जाएगा। सीबीआई यह पता लगाने में जुटी है कि कबाड़ के नाम पर कहीं दुर्लभ और प्राचीन वस्तुओं की तस्करी तो नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जोधपुर हैंडीक्राफ्ट की बहुत बड़ी मंडी है। यहां लकड़ी व लोहे से निर्मित हैंडीक्राफ्ट उत्पादों का व्यापक स्तर पर निर्यात होता है। एक लाख से अधिक लोग इस उद्योग से जुड़े हैं। सालाना डेढ़ हजार करोड़ से अधिक का सामान निर्यात किया जाता है।