अब शैक्षणिक स्टाफ को शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों में नहीं लगाया जा सकेगा। हाल ही हुई शिक्षा मंत्री की बैठक में ये निर्णय लिया गया। अक्सर देखा गया है कि शिक्षक अपनी ड्यूटी शिक्षा विभाग की बजाय अन्य विभागों में लगवा लेते थे, इस पर सख्ती बरतते हुए आदेश दिए गए हैं कि यदि कोई शिक्षक लंबे समय से अन्य विभाग में तैनात है तो उसे तुरंत कार्यमुक्त कर मूल विद्यालय में भेजा जाए। यदि निर्वाचन या अन्य आवश्यक कार्यों के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है, तो ये सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षण कार्य प्रभावित न हो पांच जिलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विद्यालय खुलते ही विद्यार्थियों का असेसमेंट करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। जब तक शिक्षा विभाग में स्थानांतरण पर रोक लागू है, तब तक विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण पर विचार किया जाएगा। इनमें कैंसर पीड़ित कर्मचारी, डायलिसिस पर चल रहे रोगी, 100 प्रतिशत नेत्रहीन, गंभीर दिव्यांगता वाले कर्मचारी शामिल है।

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